मित्रों,
कभी कभी काफी दिनों तक जब ब्लॉग पर कुछ नहीं लिख पाता
कुछ आपसे बाँट सकूँ ऐसा नहीं होता तो फिर लौटता हूँ कुछ
कोमल भावनाएं लेकर आपकी तरफ....
कोमल भावनाएं लेकर आपकी तरफ....
" जब रात रात जागे और उम्र उम्र रोये
चाहत के फूल हमने ग़ज़लों में तब पिरोये|"
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साथ ही मेरी नयी ग़ज़ल के चंद शेर......
दिल के जज्बात जताने की इज़ाज़त दे दे
हो सके तुझसे अगर थोड़ी मोहब्बत दे दे|
तुझसे माँगा नहीं कुछ भी ये खुदा आज तलक
आज कहता हूँ मुझे यार की सोहबत दे दे|
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साथ ही मेरी नयी ग़ज़ल के चंद शेर......
दिल के जज्बात जताने की इज़ाज़त दे दे
हो सके तुझसे अगर थोड़ी मोहब्बत दे दे|
तुझसे माँगा नहीं कुछ भी ये खुदा आज तलक
आज कहता हूँ मुझे यार की सोहबत दे दे|
मैं दीवाना हूँ उसे प्यार बहुत करता हूँ
दिल में उसके खुदा तू मेरी मुरव्वत दे दे|
'नमन'
दिल में उसके खुदा तू मेरी मुरव्वत दे दे|
'नमन'
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