मित्रों! पिछले काफी दिनों से कुछ न कुछ अडचनों क़ी वजह से ब्लॉग पर लिख नहीं पाया| आज कुछ अशआर, कुछ कताआत आप तक पंहुचा रहा हूँ........
वो मुझसे रूठ कर उठ कर चला गया लेकिन
कुछ तो है जो मेरी सांसो में अब भी अटका है||
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तेरी आँखों का काजल बह के चेहरे तलक क्या आया
स्याह रात ने गम क़ी निगल लिया मुझको||
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उसने दामन जो मेरे हाथ से अपना खींचा
दिल ये लावारिस अब किससे लिपट के रोयेगा||
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ये जरुरी नहीं क़ी रोज मिलें हम उनसे
खुशबुए पहली मुलाकात अभी ताजा है||
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कभी भूल कर भी मोहब्बत न करिए
किसी नाजनीन क़ी इबादत न करिए|
भले इश्क में लाख खाए हों धोखे
मगर बेवफा क़ी शिकायत न करिए| 'नमन'
ये जरुरी नहीं क़ी रोज मिलें हम उनसे
ReplyDeleteखुशबुए पहली मुलाकात अभी ताजा है||
Bahut sundar,,,meaningful words.