कल कल्याण पुलिस ने प्याज चुरा कर भागते हुए कुछ चोरों को धर दबोचा और उन्हें हवालात में डाल दिया| यह समाचार अखबारों में बड़ी प्रमुखता से छपा| पुलिस ने चोरों को तो हवालात में डाल दिया अब प्याज को सुरक्षित रखने क़ी भी जिम्मेदारी पुलिस क़ी है वरना साक्ष्य के अभाव में अपराधी रिहा हो जायेंगे | जब तक मुक़दमा चलेगा जब्त प्याज को संभालकर रखना होगा| सुना है एक शीत गृह में इसे रखा जायेगा और समय समय पर अदालत में पेश किया जायेगा| जो प्याज कभी झोपड़ों में, खेतों में , खुले आसमान के नीचे बेफिक्र पड़ी रहती थी उसे शीतगृह में तालों में रहना होगा | जो प्याज कभी गरीबों क़ी रोटी पर दिखाई पड़ती थी आज कल अमीरों के 'किचन' ( जी हाँ मैंने जानबूझ कर किचन कहा क्यों क़ी गरीबों क़ी रसोई होती है और अमीरों के घर
किचन), क़ी रानी बन गयी है| पर एक समानता है वह ये क़ी यह
पहले भी गरीबों को रुलाती थी अब भी गरीबों को ही रुलाती है|
पहले इसे खाते हुए इसकी झार से गरीबों क़ी आँखों से आंसू निकल आते थे अब इसके बारे में सोच कर ही बेचारा रो लेता है| प्याज पहले गरीबों के हिस्से में आती थी अब उसके सपने में आती है|
प्याज पहले गरीबों के घर क़ी इज्जत थी जो कई कई परतों के
पीछे छुपी रहती है | अब यह अमीरों के घर क़ी रानी है जो सज
धज कर निकलती है| प्याज के पकौड़ों ने अब अमीरों के किचन
में पनीर पकौड़ों और चीज पकौड़ों क़ी जगह ले ली है| आलम ये है
क़ी प्याज क़ी कीमते बढ़ने और घटने से महगाई का इंडेक्स ऊपर
नीचे होने लगता है| पिछली बार जब प्याज सिर पर चढ़ कर बोली थी
तो सरकारें बादल गयी थी| प्याज क़ी महत्ता पर मेरे जैसे कुछ लघु
कवि महाकाव्य रचने क़ी सोच रहे है| घबराने जैसी कोई बात नहीं है
सिर्फ सोच रहें हैं , लिखने क़ी तो छोड़े प्याज छूने तक भी औकात
नहीं है हमारी| पिछली बार अपनी रसोई में रखी एक मात्र प्याज
क़ी तरफ जब मैंने ललचाई नज़र से देखा था तो पत्नी ने वैसी ही
डाट पिलाई थी जैसे मैं उनसे छिप कर किसी नवयौवना को घूर
रहा होऊं| तबसे वह प्याज ताले में बंद है ताकि मेरी पहुँच से दूर
रह सके| आज कल मै अपने बचपन को याद कर खुश हो लेता
जब प्याज खाने पर कोई बंधन नहीं था | प्याज १० पैसे किलो में बाजारों में पड़ी रहती थी| किसान तो कभी कभी ५ पैसे किलो में ही इसे बेच कर धन्य हो जाता था| बचपन में सुना था क़ी घूरे के भी
दिन फिरते हैं आज कल प्याज के दिन हैं| सो प्याज मां क़ी जय जयकार करते हुए आज के लिए आपसे विदा लेता हूँ| जय प्याज
माई क़ी! 'नमन'
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