Thursday 13 January 2011

KUCHH TUM KAHO KUCHH HUM KAHEN

मेरे विद्वान् मित्र और हिंदी का सामना  के कार्यकारी संपादक आदरणीय प्रेम शुक्ल जी ने  फेसबुक पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस  के महासचिव श्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पर टिप्पणी करते हुए लिखा है क़ी कांग्रेस क़ी नीतियों से सेकुलर मोहम्मद अली जिन्ना का राष्ट्रद्रोह जन्मा|  साथ 
ही उनका आरोप है क़ी  कांग्रेस शुरू से ही मुस्लिम तुष्टिकरण करती 
रही है |  हिन्दू महासभा , आर. एस.एस. , जनसंघ और अब  बी. जे. पी. 
सभी कांग्रेस पर हिन्दुओं के विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं |
वहीँ मोहम्मद अली जिन्ना  १९३८ में मुस्लिम लीग का अध्यक्ष
चुने जाने के बाद अपने भाषण में कहा  क़ी " कांग्रेस आला कमान दुसरे सभी समुदायों तथा संस्कृतियों को नष्ट करने तथा
हिन्दू राज कायम करने के लिए पूरी तरह दृढ़प्रतिज्ञ है| उनका(गाँधी)  आदर्श है हिन्दू धर्म को पुनर्जीवित करना तथा इस देश में
हिन्दू राज कायम करना| "  मार्च १९४० में उन्होंने अलीगढ में छात्रों  से कहा, " मिस्टर गाँधी चाहते हैं क़ी हिन्दू राज के तहत
मुसलमानों को कुचल डालें और उन्हें प्रजा बनाकर रखें |" एक
तरफ जहाँ मोहम्मद अली जिन्ना कांग्रेस को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा बता रहे थे  वही उसी समय आर.एस.एस के सरसंघचालक गोलवलकर धार्मिक अल्पसंख्यकों को सलाह दे रहे थे 
क़ी  " हिन्दुस्तान के गैर हिन्दू लोगों को या तो हिन्दू संस्कृति
और भाषा अपनानी होगी, हिन्दू धर्म का सम्मान करना सीखना होगा  और हिन्दू जाती क़ी श्रेष्ठता स्वीकार करनी होगी या फिर हिन्दू राष्ट्र के आधीन रहना होगा और विशेषाधिकारों  क़ी तो बात
ही दरकिनार ,नागरिक के सामान्य अधिकारों से भी वंचित रहना होगा|"  ऐसे में कांग्रेस और महात्मा गाँधी दोनों मोर्चों पर लड़ रहे थे|  एक तरफ हिन्दू महासभा और आर.एस.एस. हिन्दू जनमानस में सम्प्रदायवाद का विष फैला रहे थे तो दूसरी ओर  जिन्नाह मुसलमानों में सम्प्रदायवाद और अलगाववाद का जहर बो रहे थे| 
हिन्दू महासभा, आर.एस.एस ने हिंदुस्तान के विभाजन क़ी मोहम्मद अली जिन्नाह क़ी लगायी हुई आग में घी डालने का काम किया, और  सारा दोष कांग्रेस पर मढ़ते रहे|  १९४७ से आज तक  ये दोनों संगठन और इनके  द्वारा पालित और पोषित जनसंघ और बी.जे.पी. ने हमेशा कांग्रेस के हिन्दुस्तान के विभाजन में दोषी होने का दुष्प्रचार किया है| इसी विचारधारा ने महात्मा गाँधी क़ी हत्या क़ी और इसी विचारधारा के एक संरक्षक ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी का हश्र  इंदिरा गाँधी जैसा करने क़ी कायराना धमकी दी|  भाई प्रेम शुक्ल ने दिग्विजय सिंह पर मुस्लिम तुष्टिकरण का  मिथ्या आरोप लगाया है| कांग्रेस ने हमेशा सर्व धर्म सम भाव क़ी बात क़ी है, वह ना तो हिन्दू तुष्टिकरण करती है ना मुस्लिम तुष्टिकरण|  यदि कोई कांग्रेस का नेता किसी मज़ार पर चला गया  तो मुस्लिम तुष्टिकरण, यदि कुम्भ स्नान कर ले, यदि किसी हिन्दू धर्माचार्यों के सम्मलेन में चला गया  तो हिन्दू वोट बैंक क़ी राजनीति जैसे आरोप  लोग कांग्रेस पर लगाते रहतें हैं|  कांग्रेस महात्मा गाँधी क़ी सोच में उनके सिद्धांतों में विस्वास रखने वाली पार्टी है| १९४२ में महात्मा गाँधी ने कहा था " धर्म एक निजी मामला है जिसकी राजनीति में कोई जगह नहीं होनी चाहिए|"  आज कल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव श्री सिंह बहुतों क़ी आँख क़ी किरकिरी बने हुए हैं|  उनकी हर बात में मीन मेख निकाली जा रही है| उन्होंने सहज ही बयान क्या  दे दिया क़ी ए.टी.एस. प्रमुख ने मुंबई पर आतंकवादी हमले के एकदिन पहले उनसे बात क़ी थी और कुछ हिन्दू अतिवादी संगठनो से उन्हें खतरा है यह बताया था|  अब शुरू हो गयी उनपर चारों तरफ से प्रश्नों क़ी बौछार, गृहमंत्री आर.आर.पाटिल से लेकर सभी ने बयान दे डाला क़ी करकरे से उनकी बात ही नहीं हुयी| अब बी.एस.एन. एल. का रिकार्ड देख कर सब चुप हो गए हैं| भाई उन्होंने जो बात करकरे से उनकी हुयी बताई थी वह करकरे का बयान पहले ही समाचार माध्यमो से प्रसारित हो चुका था , परन्तु सब यह साबित करने में लगे थे क़ी करकरे क्यों बात करेंगे सिंह साहेब से|  आदरणीय प्रेम शुक्लजी बड़े धार्मिक व्यक्ति हैं और मेरे स्नेही भी हैं, धार्मिक कर्मकांडों में अत्यधिक विस्वास भी रखते हैं अतः कांग्रेस नेताओं के धार्मिक आयोजनों पर उनकी बड़ी पैनी नज़र है|  उन्हें साधुवाद देता हूँ|

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