आज कुछ भावनाएं आप सब तक पहुँचाना चाहता हूँ , सीधे सीधे अपने शब्दों को बैशाखी बना कर..............
अगर दर्द हो तो दवा चाहिए
अगर इश्क हो तो वफ़ा चाहिए
अगर दोस्त ही बन गया हो रकीब
तो फिर आपको बस दुवा चाहिए||
X X X X
वो शख्स मुझसे दूर दूर है लेकिन
मेरी सांसों में खुशबू क़ी तरह बसता है
ऐसे रिश्ते का कोई नाम नहीं हो सकता
मगर वो शक्श मोहब्बत का एक फ़रिश्ता है|
X X X X
कहने का फ़न नहीं है ए जानता हूँ मैं
दुनियां क़ी असलियत मगर पहचानता हूँ मैं
होशो हवाश ग़ुम हैं हकीकत को देख कर
सच कह ही डालता हूँ अगर ठानता हूँ मैं|
नमन
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