पिछले दिनों मेरा एक काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ| जिसका नाम है "मैं चाँद खोजता रहा " | मेरे मित्रों शुभचिंतकों का मुझ पर असीम स्नेह रहा है और यही स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद मुझ पर आप सब का बना रहे , यही इश्वर चरणों में प्रार्थना | अपनी एक नयी रचना आप तक पहुचाना चाहता हूँ, आशा है आप के ह्रदय में इसे स्थान मिलेगा................
दर्द होता है
बहुत दर्द
होती है दर्द कि बरसात
जब कोई हमसे
दुवायें भी छीन लेता है
छीन लेता है सारे सपने
सारी सुनहरी यादें
छीन लेता है
मोहब्बत के सारे चिराग
जो जलाए थे हमने
और संजोया था जिन्हें
तमाम उम्र
सोचा था
अंधेरों से लड़ेंगे मिलकर
जीत या हार
फर्क नहीं पड़ता
अगर हम साथ रहे
साथ जीने क़ी
साथ मरने क़ी
तमन्ना क़ी थी
साथ बैठकर देखे थे
सारे सपने
फिर वो सपने
अलग कैसे हो सकते थे
कैसे मेरे होठों क़ी मुस्कराहट से
उसके दिल में दर्द उतरा
कैसे मेरी आँखों के आंसू से
उसने सजाई अपने मोहब्बत क़ी
नयी क्यारी
कैसे मेरे रोने से
उसमे नए फूल खिले
कौन पूछेगा उससे
हाँ , दुआ है
क़ी इस बार न उजड़े ये क्यारी
ये फूल खिलें और खिलें
उसकी ख़ुशी में
मेरे सारे गम भुला दूंगा
पर दिल का क्या है
जो टूटा है
क्या फिर से जुड़ पायेगा
कोई इसको कभी
क्या फिर से सजा पायेगा |
"नमन"
दर्द होता है
बहुत दर्द
होती है दर्द कि बरसात
जब कोई हमसे
दुवायें भी छीन लेता है
छीन लेता है सारे सपने
सारी सुनहरी यादें
छीन लेता है
मोहब्बत के सारे चिराग
जो जलाए थे हमने
और संजोया था जिन्हें
तमाम उम्र
सोचा था
अंधेरों से लड़ेंगे मिलकर
जीत या हार
फर्क नहीं पड़ता
अगर हम साथ रहे
साथ जीने क़ी
साथ मरने क़ी
तमन्ना क़ी थी
साथ बैठकर देखे थे
सारे सपने
फिर वो सपने
अलग कैसे हो सकते थे
कैसे मेरे होठों क़ी मुस्कराहट से
उसके दिल में दर्द उतरा
कैसे मेरी आँखों के आंसू से
उसने सजाई अपने मोहब्बत क़ी
नयी क्यारी
कैसे मेरे रोने से
उसमे नए फूल खिले
कौन पूछेगा उससे
हाँ , दुआ है
क़ी इस बार न उजड़े ये क्यारी
ये फूल खिलें और खिलें
उसकी ख़ुशी में
मेरे सारे गम भुला दूंगा
पर दिल का क्या है
जो टूटा है
क्या फिर से जुड़ पायेगा
कोई इसको कभी
क्या फिर से सजा पायेगा |
"नमन"
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