Friday 23 July 2010

Seedhi Baat

  मेरे बहुत से सहयोगी,   स्नेही, मित्र एवं  सरंक्षक मेरा ब्लॉग या मेरे एस एम् एस पढ़ कर मुझे सन्देश
  भेजते रहते हैं| मेरे अनन्य मित्र श्री अमर (ब्रजेश) मिश्र जो मलाड (मुंबई) में रहते हैं , इतने प्यारे सन्देश
  भेजते रहते हैं कि मन आत्मविभोर हो उठता है| प्रिय भाई मिश्र जी जो सम्मान मुझ्र देते हैं वह
   अकथनीय है|
   आदरणीय भाई श्री सरस पाण्डेय भले मीरा भायंदर में रहते है पर मेरे ह्रदय के अत्यंत करब हैं|
   कवि ह्रदय और हिंदी के विद्वान प्राध्यापक "सरस" जी और उनका परिवार मेरे लिए जो कोमल
   भावनाएं रखता है वह अनमोल हैं , उनका कोई मूल्य नहीं चुका सकता|
   भाई श्री अजय भट्टाचार्य जी अपने "हिंदी का सामना" के कार्यकाल से ही मेरे अभिन्न मित्र हैं|
    वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि श्रीयुत अजय जी बरसों से प्रतिदिन मुझे एक सन्देश देते हैं|  भगवतगीता का
    अत्यंत सुंदर हिंदी दोहों में अनुवाद करके उन्होंने गीता को गेय बना दिया है|  निकट भविष्य में 
    रामचरितमानस क़ी तरह  अगर गीता का भी पाठ होने लगे तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा|
     इसके साथ साथ भाई अजय जी बहुत ही उच्च कोटि के कर्मकांडी विद्वान् हैं|  शिवजी का उन जैसा
     महाभिषेक बहुत कम विद्वान करा सकेंगे| उनका मुझ पर जो स्नेह है उसके लिए मैं उन्हें प्रणाम
    करता हूँ|
       आप सभी के लिए और मेरे अन्य मित्रों को मेरी ये पंक्तियाँ समर्पित है...........

          मेरा सन्देश है खुशियों का चाहत का मोहब्बत का
          मेरा सन्देश है अरदास,, पूजा का   इबादत     का  
          बढ़ा दो हाथ तुम ये दोस्त तो दो हाथ मिल जाएँ
         मिटा दें हम दिलों से नाम तक कमबख्त नफ़रत का|
                                                                         "नमन"


     

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