| पिछले कई दिनों से आप सब से संपर्क नहीं कर पाया, थोडा व्यस्त रहा- थोडा वीमार रहा! आज हम कितने अहअसहिष्णु हो गए हैं, कितने असंवेदनशील हो गए है इसका उदाहरण दिल्ली में एक समाचार चैनेल के आफिस में हुई तोड़ फोड़ और मारपीट है! अपने आपको प्रखर राष्ट्रवादी कहने वाले एक संगठन के पदाधिकारी किस तरह राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं यह दिखाने वाले समाचार माध्यम को किस तरह की गुंडागिरी का सामना करना पड़ता है इसकी झलक पूरे हिन्दुस्तान ने देखी! मैंने कभी लिखा था....
सच कहेगा जो वो सूली पायेगा
सत्य की जग से पुरानी दुश्मनी है!
सत्य का गला दबाने की नाकाम कोशिश इसी विचारधारा ने महात्मा गाँधी की हत्या करके की थी! ये वही लोग है जिन्होंने आजादी के आन्दोलन में कभी भाग नहीं लिया और स्वतंत्रता के बाद हिंदुत्व की रक्षा के नाम पर लाठी घुमाने का काम करते रहे हैं ! अफवाहें फ़ैलाने में इनका जवाब नहीं|
समझदार पढ़े लिखे लोग इनमे विश्वास नहीं करते और यही कारण है कि इन्होने जिस पार्टी का समर्थन किया वह सत्ता से बाहर फेंक दी गयी| अब इनके सरंक्षण में एक राष्ट्रीय पार्टी को एक नया अध्यक्ष मिला है और जब से यह आदरणीय व्यक्ति कुर्सी पर बैठे हैं किसका बाप कौन है इस विषय पर शोध कार्य शुरू है| संगीत कि महफ़िलें सजरही है, जिनमे पार्टी के नेता गाने का रियाज़ कर रहे है| कभी कभी राजनीती के साथ साथ अन्य गतिविधियों के कारन थक कर मंच पर ही बेहोश हो जाना इनकी फितरत है|
आपके लिए ये पंक्तियाँ....
अगर मै होश में आया तो ये कोहराम कर दूंगा
मै तेरा नाम लेकर के तुझे बदनाम कर दूंगा !
पिला नज़रों से ये साकी हमें तू जामे मदहोशी
वगरना प्यार का इल्जाम तेरे नाम कर दूंगा!
तेरी जुल्फें घटाओं सी तेरा आँचल हवाओं सा
मैं अपनी जिंदगी ये हुस्न तेरे नाम कर दूंगा!
नमन
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