मेरे एक मित्र ने आज मुझे एसएम्एस भेजा " शब्दों में क्या रखा है"अब क्या बताएं अपने प्रिय मित्र को? शास्त्रों में शब्दों को शब्द ब्रह्म कहा गया है| शब्द कभी प्यार के तख़्त पर बैठाता है तो कभी महाभारत कराता है| मेरे मित्र के लिए ये पंक्तियाँ ..........
वो शक्श मुझसे दूर- दूर है लेकिन
मेरी सांसों में खुशबू की तरह बसता है|
ऐसे रिश्ते का कोई नाम नहीं हो सकता
मगर वो शक्श मोहब्बत का एक फ़रिश्ता है||
शब्दों पर मेरी एक कविता है, अगली बार जब आपसे बतकही होगी तो लिखूंगा| तब तक के लिए......
मुझको गीत सुनाना होगा
तुझको मीत बनाना होगा
तेरी आँखों के कोरों से
आंसू बन बह जाना होगा|
पुरवा जब भी लहराएगी
कोयल कुहू कुहू गाएगी
तुझको मेरे हृदयपटल पर
प्रेम गीत लिख जाना होगा||
"नमन"
Bahut sundar shabdon ke madhyam se aap apni baat ko saralta se kah dete hain....aabhar
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