Thursday 1 July 2010

SANGHARSH

   जीवन एक संघर्ष है, लड़ना मानव जीवन की नियति..........
  
   लड़ना जीवन नियति तेरी है,
     तू निहंग लड़!
     तन से लड़, तू मन से लड़
     जीवन से लड़!
      हर दिन सजती हैं सेनाये
      कुरुक्षेत्र  में
       हर दिन ये मन रचता है 
       नव व्यूह जीवन में!
        हर दिन मित्र नए बनते है
        नए शत्रु भी
        समय रथी है , मन सारथी
        और यह शरीर रथ 
        हर दिन नयी परीक्षा होती 
        महारथी की !
       महाबली हैं शत्रु 
       खड़े हैं जो पथ रोके
       लड़ना है इनसे 
       सब इन्द्रिय द्वार सजग कर!
       लड़ना जीवन नियति तेरी है 
       तू निहंग लड़!

                         "naman"

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