Monday 20 December 2021

राहुल गाँधी

भारतीय राजनीति में आशा की नई किरण हैं राहुल गांधी...

पिछले कुछ वर्षों में किसानों, मज़दूरों , गरीबों , दलितों ,महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ अगर किसी ने लगातार आवाज़ उठाई है और संघर्ष किया है तो वह शख़्सियत हैं राहुल गांधी।
पूरे देश में कहीं भी महिलाओं पर हुए बलात्कार , दलितों और अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार के समय राहुल गांधी उनके साथ खड़े दिखाई पड़े हैं।

किसानों और व्यापारियों पर हुए अन्याय के समय राहुल गांधी उनके साथ खड़े रहे यह अलग बात है कि बिकी हुई गोदी मीडिया लगातार उन्हें अनदेखा करती रही और उन्हें बदनाम करने के लिए उसमें कोई कसर नहीं उठा रखी।
वे संघ परिवार के निशाने पर रहे हैं और जहाँ एक तरफ उनका विरोध करने लिए BJP के एक दर्जन मुख्यमंत्री, दो दर्जन प्रवक्ता और तीन दर्जन से अधिक केंद्रीय मंत्री दिन रात एक करते रहे हैं वहीँ कांग्रेस के अधिकांश वरिष्ठ नेता उनके समर्थन में खड़े नहीं दिखाई पड़े हैं ।
एक तरफ़ जहाँ प्रधानमंत्री मोदी अपने प्रधानमंत्री काल में एक प्रेस कांफ्रेंस करने का साहस नहीं कर सके, वहीं राहुल गांधी लगातार प्रेस कांफ्रेंस करते रहे हैं और खुले मंच से मीडिया के प्रश्नों का जवाब देते रहे हैं।
एक तरफ़ जहाँ प्रधानमंत्री मोदी झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ़ राहुल गांधी ने अपनी कही गयी हर बात को सत्य साबित किया है।
यहाँ तक कि अब राजनैतिक हलकों में कहा जाने लगा है कि प्रधानमंत्री मोदी पहले राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाते हैं , उनका विरोध करते हैं और फिर कुछ महीने बाद राहुल गांधी की सलाह मान लेते हैं और वही कदम उठाते हैं जो राहुल गाँधी ने कुछ महीने पहले सुझाये थे।
मोदी जी, संघ परिवार और बिका हुआ गोदी मीडिया 8 वर्षों से कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहा है परंतु उनके तमाम दुष्प्रचार के बावजूद यह राहुल गांधी का संघर्ष ही है कि आज भी पूरे देश में कांग्रेस के लगभग 800 विधायक है, तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है और तीन अन्य राज्यों में कांग्रेस दूसरी पार्टियों के साथ मिल कर सत्ता में है।
मोदी लहर में भी राहुल गांधी के नेतृत्व में पिछले साढ़े चार वर्ष में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, असम, तमिलनाडु, आँध्र प्रदेश, गोवा, मेघालय , नागालैंड आदि राज्यों में BJP से अधिक वोट मिले हैं।
आप इसे राहुल गांधी की हार समझते हैं या जीत यह आप पर निर्भर करता है।
चाहे वह नोट बंदी हो, चाहे GST हो, चाहे कोरोना महामारी हो ,चाहे किसानों का काला क़ानून हो हर जगह राहुल गांधी सही साबित हुए है ।
कोरोना महामारी में उन्होंने कांग्रेस को अन्य राजनैतिक दलों से अलग एक सेवाभावी संस्था में बदल दिया था।
एक तरफ युवक कांग्रेस के युवा बीमारों को ऑक्सिजन और दवाएँ उपलब्ध कराने के लिए दिन रात एक कर रहे थे
वहीं दूसरी तरफ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटियाँ प्रवासी मज़दूरों को नि:शुल्क घर पहुँचाने के लिए ट्रेन के टिकट और बसों का इंतजाम कर रही थी तमाम राजनैतिक पर्यवेक्षक कह रहे हैं 2022 मे होने वाले पाँच राज्यों के चुनावों में कम से कम चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनना तय है। भारतीय राजनीति में जहाँ भय और भ्रष्टाचार का बोलबाला है, वहां आशा की नई किरण हैं राहुल गांधी...
अपने सीमित संसाधनों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी में सेवा का जो कार्य किया उसके लिए पत्रकारों से लेकर BJP के सांसदों और विधायकों तक ने उनकी प्रशंसा की है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बढ़ते हुए प्रभाव से BJP नेतृत्व में हड़कंप मचा हुआ है और वह ममता, ओवैसी, मायावती आदि को आगे करके राहुल गांधी के विजयरथ को रोकना चाहती है।
राहुल गांधी के लिए इन शब्दों के साथ मैं अपना लेख समाप्त करूँगा..
“कितना अच्छा है वो इसका कोई हिसाब नहीं
वो लाजवाब है उसका कोई जवाब नहीं।
उसका चेहरा मुझे शीसे की तरह लगता है
वो हक़ीक़त में भला शख़्स है कोई ख़्वाब नहीं।”
नमन

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