एक कविता ----
एक कविता अनकही सी
रोज साँसों में महकती
एक कविता अनकही सी
रोज आँखों से बरसती |
एक कविता अनकही सी
भूख से भी है निकलती
एक कविता अनकही सी
प्यास बनकर है तड़पती |
एक कविता अनकही सी
नदी के तट पर मटकती
एक कविता अनकही सी
मरुथलों में है भटकती |
एक कविता अनकही सी
तेरे होठों पर थिरकती
एक कविता अनकही सी
मेरी बाहों में सिमटती |
एक कविता अनकही सी
बन के आती ऋतु बसंती
एक कविता अनकही सी
चाँद जैसे मुस्कराती |
एक कविता अनकही सी
देश का गुणगान करती
एक कविता अनकही सी
प्रेरणा वीरों की बनती |
एक कविता अनकही सी
शहादत के गीत गाती
एक कविता अनकही सी
रण में दुश्मन को हराती |
एक कविता अनकही सी
बीज बोती हल चलाती
एक कविता अनकही सी
अपनी गौओं को चराती |
एक कविता अनकही सी
गीत गाती गुनगुनाती
एक कविता अनकही सी
दर्द बन दिल में समाती |
एक कविता अनकही सी
बस तुम्हारी बात करती
एक कविता अनकही सी
इश्क की सुरुवात करती |
एक कविता अनकही सी
सोलहों श्रृंगार करती
एक कविता अनकही सी
काश मुझसे प्यार करती |
‘नमन’
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