Thursday 23 October 2014
प्रधान सेवक
मैं प्रधानमंत्री नहीं... प्रधानसेवक
हूँ ------------------------------------
आप मेंरे मंहगे चश्मे पर मत जाईये कि क्यों मैं लाखों
रु कीमत के वार्शाचे का चश्मा पहनता हूँ? आखिर देश की इज्ज़त का सवाल है..... मुझे देश विदेश की यात्रा करनी है अतः मेरे
कपडे अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर ट्राय कोस्टा डिजाइन करते है. यह सब केवल इसलिए
की कहीं विदेश में लोग मुझे भूखे नंगे देश का प्रधानमंत्री न समझ लें. वैसे भी आधी
लगोट में रह कर गाँधी जी हमारे देश की नाक विदेशों में कटवा चुके हैं. गोलमेज
कांफ्रेंस तक में लंगोटी पहने चले गए थे. भाईयों, तुम इन बातों पर ध्यान न देना, मुझे प्रधान सेवक ही समझना.
भाईयों, देश में बलात्कार की ख़बरें
सुन मेरा सिर शर्म से झुक जाता है
हालांकि बलात्कार के आरोपी निहाल चन्द जैसे लोग मेरी कैबिनेट में हैं और मेरी इस बात पर मुस्कुरा रहे हैं. पर मैं उन पर कोई ध्यान नहीं देता.
आखिर बलात्कार उनका व्यक्तिगत मामला है. अगर अदालत उन्हें सज़ा देगी तो वे जेल चले
जायेंगे. मै देश के क़ानून का आदर करता हूँ अतः क़ानून और बलात्कारियों के बीच में
नहीं आना चाहता. बलात्कारी अपना काम करते रहेंगे और क़ानून अपना काम. देशवाशियों तुम भी इस पर ध्यान न देना. यह सब तो चिरकाल से होता आ रहा है
और आगे भी होता रहेगा.
मैं १४ साल में भले गुजरात के हर गाँव-
घर में शौचालय नहीं बनवा सका पर हमारे महान देश महिलायें शौच के लिए खेतो में न जाएँ इसलिए उन
सबके लिए पूरे देश में शौचालय बनवाऊंगा. आप समझ सकते हैं की धन और संसाधन की कमी की वजह
से ६ करोड़ की जनसँख्या वाले गुजरात में घर घर तक यह सुविधा पहुंचाना कितना दुष्कर
कार्य था. परन्तु पूरे देश के जन-जन तक यह सुविधा मैं .... दिन में पहुंचा कर ही
रहूँगा, क्योंकि केंद्र की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है. भाईयों जापान जाकर मैंने
देखा की वहां के जंगलों में आदिवासियों तक को यह सुविधा प्राप्त है. अतः मेरे देश
में मैं यह सुविधा सब तक पहुंचा कर ही रहूँगा.
भाईयों, आर.एस.एस. के दिनों से मुझे जादा बोलने
की आदत है. जैसा की आप जानते ही हैं की वहां बोलने का प्रशिक्षण वैसे ही पूरी
शिद्दत से दिया जाता है जैसे कांग्रेस में चुप रहने का. अब मैं ठहरा प्रचारक सो
थोडा लम्बा ही बोल जाता हूँ. आप जानते ही हैं की चुनाव के पहले अपने एक जवान सिर के बदले हम दस सिर काट लेने की बात करते थे. वह आरएसएस की हांकू ट्रेनिंग का
नतीजा है. उसे आप गंभीरता से न लें.
पाकिस्तान रोज सीज फायर का उल्लंघन करता है तो करता रहे. हमें
इस पर ध्यान देने और चिंतित होने की किंचित भी आवश्यकता नहीं है. जब आतंकी संसद
भवन और अक्षरधाम मंदिर में घुस आये थे तब भी अटल और अडवानी जी ने चिंता नहीं की थी
तो अब क्यों चिंता करें? रही चीन की बात
तो चीन अब कम्युनिस्ट देश नहीं रहा. अब वह व्यापारी राष्ट्र हो गया है. उसके सैनिक
अगर रास्ते की तलाश में हमारी सीमा में चले भी आते हैं तो उसमे बुराई क्या है. वो व्यापार
के लिए नए रास्ते तलाश कर रहे होते हैं और कांग्रेस बेकार में चिल्लाती रहती है.
अगर कांग्रेस सरकार ने चीन को रास्ता दे दिया होता तो आज यह नौबत नहीं आती.
मैंने हमेशा स्वदेशी की बात की परन्तु आज FDI को
बढ़ावा दे रहा हूँ, इस पर
जादा परेशान होने की जरुरत नहीं है. राजनीति में कथनी करनी में फर्क रखना हमारी
मज़बूरी है.
मैंने
चुनावी रैलियों में पूछा था - क्या गरीब के घर में चूल्हा नहीं जलना चाहिए ? जरुर जलना चाहिए. अब चुल्हा जलाना
है तो अम्बानी को गैस के रेट तो बढ़ा कर देना ही होगा.
काला
धन, मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, ये
मुद्दे अब चुनाव के साथ ख़तम हो गए हैं, ये मुद्दे चुनाव के समय ही अच्छे लगते हैं. गंगा
माँ ने बनारस बुलाया था, मैं
दो महीने में गंगा की सफाई के लिए रोड मैप न बना सका सो सुप्रीम कोर्ट मुझे इसके लिए फटकार रही है.
राजीव गाँधी ने गंगा पर ४० से जादा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए थे पर गंगा साफ़
नहीं सके तो मेरी क्या बिसात है. पर ६ प्लांट लगा कर मैं भी गंगा का क़र्ज़ उतार रहा
हूँ.
मैंने
वचन दिया था की हर हिन्दुस्तानी के खाते में १५ से २० लाख रु का काला धन जमा
करवाऊंगा. अब प्रधान सेवक बन कर पता चला की काला धन है ही नहीं तो लायें कहाँ
से.....?
मैं हिंदी बोलता हूँ और हिन्दीभाषी छात्रों पर लाठियां चलवाता
हूँ| मैं
उन्हें इसलिए पिटवाता हूँ की वे अंग्रेजी सीखे और मेरी तरह अंग्रेजी में लल्लू न रहें. अतः आप सब
इस बात पर ध्यान न दीजिये. देशवासियों, मैं
गरीबी में पला बढ़ा हूँ मगर अदानी,अम्बानी, टाटा से मेरी दोस्ती है. मैं
अगर उद्योगपतियों को गले से लगाता हूँ तो मेरे गरीब भाईयों को गर्व होना चाहिए. मेरा सीना 56 इंच
का है तो
इसमे किसी को क्यों तकलीफ होती है. मैंने तो यह बात इसलिए सार्वजनिक की थी की लोग
मेरे नाप के कपडे मुझे तोहफे में दे सकें. आपको तो पता ही है की मैं कपड़ों का
कितना शौक़ीन हूँ.....
धन्यवाद्
! शेष बातें अगले वक्तव्य में...
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