जरा संभल के ये काशी है----
ज़रा संभल की मोहब्बत का शहर काशी है
ज़रा संभल की इबादत का शहर काशी है।
तू ये न भूल शहादत का शहर काशी है
ये जैसा भी है शराफत का शहर काशी है। 'नमन'
ज़रा संभल की इबादत का शहर काशी है।
तू ये न भूल शहादत का शहर काशी है
ये जैसा भी है शराफत का शहर काशी है। 'नमन'
यहाँ कबीर भी पैदा हुये हैं और रानी लक्ष्मी बाई भी।
यहाँ काशी विश्वनाथ हैं तो सारनाथ भी ।
यह लालबहादुर शास्त्री का शहर है तो जयशंकर प्रसाद का भी।
यह तुलसी का शहर है तो प्रेमचंद की कर्मभूमि भी।
विनोबा भावे यहाँ अध्ययन के लिए आए तो चंद्रसेखर यहीं 'आज़ाद' हुये।
यहाँ पाप नाशिनी गंगा है तो संकटमोचन भी यही है।
यहाँ का पान वाला मोदी से और पंसारी केजरीवाल से जादा राजनीति जानता है।
ज़रा संभल के भाई......
यहाँ काशी विश्वनाथ हैं तो सारनाथ भी ।
यह लालबहादुर शास्त्री का शहर है तो जयशंकर प्रसाद का भी।
यह तुलसी का शहर है तो प्रेमचंद की कर्मभूमि भी।
विनोबा भावे यहाँ अध्ययन के लिए आए तो चंद्रसेखर यहीं 'आज़ाद' हुये।
यहाँ पाप नाशिनी गंगा है तो संकटमोचन भी यही है।
यहाँ का पान वाला मोदी से और पंसारी केजरीवाल से जादा राजनीति जानता है।
ज़रा संभल के भाई......
यहाँ जब तक आप दुस्साले और दुश्शाले का अंतर समझेंगे,
तब तक मस्साले से मत्साले हो जाएंगे।
'नमन'
No comments:
Post a Comment