नेहरू-गांधी परिवार और आरएसएस......
Rumor Spreading Society (RSS) ने अपनी
स्थापना से आज तक सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस, महात्मा गांधी और
नेहरू- गांधी को बदनाम करने का काम किया है। 1925 में राष्टींय स्वयं
सेवक संघ की स्थापना हुयी । इन्होंने आजादी के एक
भी आन्दोलन में कभी भाग नहीं लिया। गांधीजी तथा कांग्रेस से अलग स्वतंत्र रूप से भी कोई
एक भी आजादी का आन्दोलन इन लोगों ने नहीं चलाया। विराट आन्दोलन की तो बात ही क्या
कहें, कोई छोटा से छोटा
आन्दोलन भी चलाने की इन देशाभिमानियों ने कभी हिम्मत नहीं की। सावरकर के अलावा
मातृभूमि के इन लाडलों में से किसी ने समाज-सुधार का काम भी नहीं किया।
1937 में हिन्दू महासभा के
अहमदाबाद-अधिवेशन में सावरकर ने द्विराष्ट्रवाद के सिद्धान्त का समर्थन
किया। इस तरह अप्रत्यक्ष रूप से इन्होने मुस्लिम लीग ने अलग पाकिस्तान के लिए
प्रस्ताव का समर्थनकिया। उससे तीन वर्ष पूर्व ही
सावरकर ने हिन्दू और मुसलमान, ये दो अलग-अलग
राष्टींयताए हैं, यह प्रतिपादित करने की कोशिश की थी।
भारत-विभाजन के लिए जितने जिम्मेदार मुस्लिम लीग तथा अंग्रेज हैं,उतने ही ये लोग भी जिम्मेदार हैं। आजाद
भारत में हिन्दू ही हुकूमत करेंगे, ऐसा शोर मचाकर
हिन्दुत्ववादियों ने विभाजनवादी मुसलमानों के लिए एक ठोस आधार दे दिया था। मुहम्मद अली जिन्ना, हेडगेवार,गोलवलकर और
श्यामाप्रसाद मुखर्जी आदि का उपयोग अंग्रेज़ चालाकीपूर्वक
करते थे। इन्होने 1942 की आजादी के आन्दोलन
में कभी भाग नहीं लिया , उल्टे कई बार ब्रिटिश सरकार को पत्र
लिखकर यह जानकारी भी दी थी कि हम आन्दोलन का समर्थन नहीं करते हैं।
कांग्रेस और नेहरू पर विभाजन का आरोप लगाने वाले इन हिन्दूवादियों
ने विभाजन को रोकने के लिए क्या किया? सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर ने विभाजन के
विरुद्ध क्यों नहीं आमरण उपवास किया ? क्यों नहीं इसके लिए
उन्होंने व्यापक आन्दोलन चलाया? जिस महात्मा गांधी को गालियां देते हों, उसी से देश बचाने की
गुहार भी लगाते हो ? और जब गांधीजी अकेले पड
जाने के कारण देश का विभाजन रोक नहीं पाये, तब आप उनको राक्षस
मानकर उनका वध करने की साजिश रचते हो ?
ये जलील कौम तेरी ये ज़िल्लत
भी हमने देख ली
सफीना तोड़ दिया जब तुझे
किनारा मिला।
इसको मर्दानगी
कहेंगे या नपुंसकता ?
कश्मीर मे नेहरू की नीतियों का विरोध
करने वाले हमारे आरएसएस के मित्र श्यामाप्रसाद मुखर्जी को स्वतंत्र भारत का पहला
स्वतन्त्रता सेनानी वगैरह कह कर सीना फुलाते हैं। मैं इनसे पुंछना चाहूँगा की 1947
मे जब कश्मीर का शेर शेख अब्दुल्ला अपने सहयोगियों के साथ पाकिस्तानी कबायलियों से
लड़ रहा था, तो ये आरएसएस के लोग कहाँ थे? किसने मना किया था इन्हे की पाकिस्तानी कबायलियो से मत लड़ो? राजा हरी सिंह के कश्मीर के भारत मे विलय के कागजात पर हस्ताक्षर और
भारतीय सेना के श्रीनगर पहुँचने तक अगर शेख अब्दुल्ला और उनके सहयोगियों ने पाकिस्तानी
कबायलियो के खिलाफ मोर्चा नहीं संभाला होता तो श्रीनगर पर पाकिस्तान का कब्जा हो गया
होता। जब शेख अब्दुल्ला ललकार रहे थे की कश्मीर भारत की रियासत है तब आरएसएस ने क्यों
नहीं हुंकार भरी। कायर सिर्फ प्रलाप करते हैं।
जो लोग नेहरू पर कश्मीर के विषय मे आरोप
लगाते हैं की उन्होने क्यों संयुक्त राष्ट्र संघ की मध्यस्थता कबुली, उन्हे ये भी याद रखना होगा की समय और परिस्थिति के
साथ प्राथमिकताएं बदलती हैं। उन्ही नेहरू की बेटी इन्दिरा गांधी ने 1971 की लड़ाई मे
पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिये और शिमला समझौते मे भुट्टो से यह लिखवा लिया की कश्मीर
पर चर्चा मे अब भारत और पाकिस्तान के अलावा किसी देश , किसी संस्था
का कोई सहभाग नहीं होगा।
उन्ही नेहरू ने 1960 मे पोर्तुगीज शासन
के खिलाफ सेना भेज कर गोवा को भारत मे शामिल कर लिया।
उन्ही नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी ने सिक्किम की जनता
का दिल जीत कर और 1975 मे सिक्किम मे जनमत संग्रह करवाकर सिक्किम को भारत का अविभाज्य
अंग बना लिया।
कांग्रेस ने लगभग 550 रियासतें, कश्मीर, गोवा , सिक्किम आदि को जोड़ कर आज का भारत बनाया है।
‘नमन’
वाह नमन जी कांग्रेस में रहते रहते आपने अपने वस्त्रो के साथ अपना दिमाग भी उन्ही के पास गिरवी रख दिया है ,कभी तो तथ्यपरक बाते कर लिया कीजिये आपके यही नेहरु जी आरएसएस से प्रभावित होकर खाकी चड्ढी धारण करने लगे थे शायद ये तथ्य आपको किसी ने बताया ही नहीं ! कहे तो उस वेशभूषा में नेहरु जी की दो चार फोटो है मेसेज करू !!
ReplyDeleteऔर आपका हिन्दूविरोध तथा अंध इस्लाम प्रेम वाह वाह
सही मायनों में आप कांग्रेसियों के लीक पर चल रहे है !
जय सोनिया जय भारत !!
आपसे और आपके कुछ कांग्रेसी मित्रो से मैंने इसी पर कुछ तर्क और ब्यौरा माँगा था ,पर अफ़सोस आप लोग ब्यौरा देना तो दूर उस स्टेटस पर कभी नजर ही नहीं आये ,क्या मतलब समझे इसका की कांग्रेस आपको RUMOR SPREAD करना ही सिखाती है और मन्नू दादा की तरह उल्टा सामने वाले पर थोपना !!
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