Sunday, 28 July 2013

भारतीयता

       भारतीयता ...

मस्जिद हो अगर तुम, हमे मंदिर ही मान लो
हो आयतों मे गर, हमे श्लोक जान लो
कब तक सहेंगे और रहेंगे अलग- अलग
मैं पूजूँ तुम्हें, तुम मेरे दिल मे अज़ान दो। ‘डॉ विष्णु सक्सेना’

मैं हिन्दू हैं और सनातन धर्म की अच्छाईयों पर मुझे गर्व है। परंतु मुझे मेरे हिन्दू होने पर कोई गर्व नहीं है। हमारा विरोध हिंदुत्ववाद का ढोंग करने वाले उन लोगों से है जो धर्म का उपयोग घृणित राजनीति के लिए करते हैं। हमारा विरोध उनसे है जो कहते हैं मैं हिन्दू पहले हूँ , भारतीय बाद मे (बीजेपी, आरएसएस, हिन्दू महासभा ), हमारा विरोध उनसे भी है जो कहते हैं की  मैं मुसलमान पहले हूँ, भारतीय बाद मे(मुस्लिम लीग वगैरा )... वगैरा -वगैरा .।  


मेरा मानना है की धर्म एक अत्यंत व्यक्तिगत मामला है, इसका राजनैतिक उपयोग नहीं होना चाहिए। धर्म के नाम पर लोगों के हृदय मे एक दूसरे के प्रति घृणा के बीज बोने वाले बौने लोगों से मुझे  पूंछना है की  क्या उन्होने ईश्वर/ अल्ला / जीसस से विशेष विनती की थी, विशेष श्रम किया था या किसी विशेष योग्यता के आधार पर उनका जन्म एक धर्म विशेष के परिवार मे हुआ? जिसके कारण वे कहते हैं की मुझे हिन्दू या मुसलमान होने पर गर्व है। 

गर्व अगर करना है तो अपनी उपलब्धियों का करिए .... अपने अच्छे कामों पर गर्व करिए .... वहाँ तो हममे से अधिकांश शून्य हैं। 

 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था , 'सभी धर्म अच्छे हैं, सभी धर्मों मे कुछ कमियाँ हैं और मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूँ।' ये तीनों वाक्य हर भारतीय ने आत्मसात कर लेने चाहिए...
                                                                                           'नमन' 

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