है वह डाल
जिस पर कौवे से लेकर कोयल तक
और तोते से लेकर कबूतर तक
करते हैं गुटर गूं ....
बगुले बहुत हैं यहाँ
हंस तो शायद कभी कभार
ही इस पर बैठते हैं ....
फेस बुक बन गयी है
हमारे जीवन की लाग बुक
जहाँ अपनी जवानी की तस्वीर चिपकाकर
दूसरों की कविता
उनके विचार चिपका कर
हम बटोरते हैं वाह-वाहियाँ
मित्र - एक दुसरे की पीठ खुजाते हुए
खुद को
परम विद्वान् समझने का भ्रम पाले
अपने पडोसी से लेकर
आसमान तक पर थूकते रहते हैं .....
ब्लॉग
है वह सजा धजा प्लैटफार्म
जहाँ आम पाठक की गाड़ी
कम ही रुकती है ....
परन्तु जब आप
ट्विटर पर गीत लिखते हैं
तो अच्छा लगता है ....
फेस बुक पर मुस्कराते हैं
तो मेरा दिन महक जाता है ...
ब्लॉग पर उकेरते हैं
संवेदनाओं की रेखाएं
मेरा दिल बाग-बाग हो जाता है ...
बाग-बाग हो जाता है ....
'नमन'
http://www.parikalpnaa.com/2013/01/5.html
ReplyDeletebahut hi sundar bate likhi hai sa par sachi bhi bahut hai mai sahmat hun aapse...
ReplyDelete