Wednesday 5 December 2012

ख़बरदार




आज कल दर्द सलीके से दिया जाता है 
क़त्ल के पहले हमें प्यार किया जाता है।

तीर नज़रों के चलाते हैं वो दिल पर मेरे 
रफ्ता-रफ्ता उसे बेकार किया जाता है।

हम खतावार हैं की उनसे मोहब्बत की है 
हमको जुल्फों में गिरफ्तार किया जाता है।

वो गिराते हैं तवस्सुम की बिज़लियाँ हमपे 
कहर ये हम पर  बार-बार  किया जाता है।

हुश्न वाले बे-मुरव्वत और बे-रहम हैं 'नमन'
तुम इनसे बचना ख़बरदार किया जाता है।
                                                          'नमन'

AAJ KAL DARD SALIKE SE DIYA JATA HAI
QATL KE PAHLE HAME PYAAR KIYA JATA HAI.

TEER NAZARO KE CHALATE HAIN WO DIL PAR MERE
RAFTA-RAFTA USE BEKAAR KIYA JATA HAI.

HUM KHATAWAAR HAIN KI UNSE MOHABBAT KI HAI
HUMKO ZULFON ME GIRAFTAAR KIYA JATA HAI.

WO GIRAATE HAIN TABASSUM KI BIJLIYAN HUMPE
KAHAR YE HUM PER BAAR-BAAR KIYA JATA HAI.

HUSHN WALE BE-MURAVVAT AUR BE-RAHAM HAIN 'NAMAN'
TUM INSE BACHANA KHABARDAAR KIYA JATA HAI.

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