मित्रों,
आज आपसे ब्लॉग के माध्यम से जुड़ने का कारण सिर्फ यह है की
मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूँ और अपनी ख़ुशी आपसे बांटना चाहता हूँ| खुश इसलिए नहीं हूँ ,कि आज मुझे कुछ अनपेक्षित मिला है या कुछ ऐसा हुआ है जिससे मेरा व्यापारिक,सामाजिक,
और किसी और तरह का लाभ हो| आज मेरे पिछले ३ दशको के रात दिन के साथी भाई श्री विजय पंडित ने कल्याण कृषि उत्पन्न बाज़ार समिति का चुनाव एक बार फिर जीता है|
जब से यह संस्था कल्याण में है वे लगातार व्यापारी प्रतिनिधि के रूप में इसके डाइरेक्टर चुने जाते रहे हैं| ख़ुशी इस बात
क़ी तो है ही क़ी वे पुनः चुने गए पर ज्यादा ख़ुशी इस बात क़ी है क़ी कल्याण के व्यापारी वर्ग ने एक ऐसे व्यक्ति
को एक बार फिर चुना जो सुबह से शाम तक आम आदमी के लिए
काम करता है, हर किसी क़ी समस्या सुनना और उसकी आवश्यक
सब सहायता करना भाई विजय पंडित क़ी चरित्रगत विशेषता है|
जो भी उन तक आता है , चाहे व्यापारी हो, नौकरी करने वाला हो,
विद्यार्थी हो, बेकार हो, बीमार हो , सबकी समस्याओं के विजय पंडित के पास कोई न कोई उपाय होता है| कल्याण में रहने वाला यह
बहु-आयामी व्यक्तित्व मेरा अग्रज है, मित्र है,साथी है, इसका मुझे
सार्थक अभिमान है| मैंने पिछले दशकों में उनसे काफी कुछ सीखा
है| जब भी कल्याण शहर का इतिहास लिखा जायेगा वह विजय पंडित क़ी गाथाओं से परिपूर्ण होगा|
जिओ तो ऐसे जिओ ,जिंदगी मिसाल बने
मौत आये तो इन्किलाब का आगाज़ बने|
तुम चाहो तो ज़माने को बदल कर रख दो
आदमी क्या है खुदाई भी कर्जदार बने||
कल्याण शहर हमेशा उनकी सेवाओं के लिए विजय पंडित का कर्ज़दार रहेगा| ईश्वर चरणों में प्रार्थना है क़ी भाई श्री विजय पंडित अपने सेवा व्रत को इसी तरह निभाते रहें, स्वस्थ रहें, व्यस्त रहें और मस्त रहें|
'नमन'
Bahut bahut badhai brother. Ishwar unhen aur aapko kamyabi ke shikhar par hamesha kayam rakhen, yahi shubh kamanaayen.
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