मित्रो,
काफी दिनों से ब्लॉग पर कुछ लिख नहीं पाया था, आज सोचा
जो लाइने मैं अक्सर गुनगुनाता हूँ, सबको सुनाता हूँ वही क्यों
न ब्लॉग पर लिख दूँ| इनमे से कुछ सन्देश मेरी पिछली पुस्तकों
में प्रकाशित भी हो चुके हैं, कुछ नए हैं....
दर्द जो उसने दिया था वो कसक बाकी है,
साँस में उसकी मोहब्बत की महक बाकी है||
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किसी बात पर कोई मुझसे खफा है
न मैं बेवफा हूँ न वो बेवफा है|
गलतफहमियों का ये आलम तो देखो
मोहब्बत मेरी उसको लगती जफा है||
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कैसे बतलाते किसने किया है क़त्ल मेरा
देखने में वो शख्श मेरे यार जैसा लगता था||
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अगर दर्द हो तो दवा चाहिए,
अगर इश्क हो तो वफ़ा चाहिए
अगर दोस्त ही बन गया हो रकीब
तो फिर आपको बस दुवा चाहिए||
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ये जरूरी है मोहब्बत हो चाहे जिससे हो
दर्द लेने की जरूरत हो चाहे जिससे हो
ख्वाब आँखों में तुम्हारे हो चाहे जिसके हो
तेरे होठो पे इबादत हो चाहे जिसकी हो||
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क़त्ल करने का शउर है अगर उन आखों में
घर बसाने का हुनर हम भी पास रखते हैं|
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लोग खुश हैं की उन्हें सारी कायनात मिली
और हम खुश हैं हमें दर्द की सौगात मिली
जिनकी खातिर तमाम उम्र सितम सहते रहे
उन्ही से तोहफे में आंसुओं की खैरात मिली||
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मैं तुम्हे अपनी वफ़ा दूँ तुम मुझे अपनी ज़फा
जिंदगी चलती रही मैं बावफा तुम बेवफा || 'नमन'
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