BATKAHI
कहा कहा फिर फिर कहा, लेकिन कहा न जाय| जब भी कहा कुछ अनकहा, पीड़ा बरनि न जाय||
Friday, 29 March 2019
ए जरूरी है की सच सामने लाया जाए
ए जरूरी है की सच सामने लाया जाए
और दुनियाँ से जहालत को मिटाया जाए।
कुछ लोग नफरत को ईमान समझ बैठे हैं
पाठ उन सबको मोहब्बत का पढ़ाया जाए।
पेट मे रोटी और आँखों मे ख्वाब हों सबके
किसी इंसान पर अब ज़ुल्म न ढाया जाए।
देश मेरा है, तुम्हारा है और उसका भी है
हमें मजहब के नाम पर न लड़ाया जाए।
कभी इस्लाम खतरे मे हुआ करता था
अब हिन्दू को न खतरे मे ले आया जाए ।
नमन
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