रात गहरी है राज़ गहरे हैं
अब मोहब्बत पे लगे पहरे हैं.
अब मोहब्बत पे लगे पहरे हैं.
पहले ये रातें गुनगुनाती थी
अब मुंह बंद, कान बहरे हैं.
अब मुंह बंद, कान बहरे हैं.
हम हलाकान हैं अफवाहों से
यहाँ पल-पल बदलते चेहरे हैं.
यहाँ पल-पल बदलते चेहरे हैं.
कैसे उनपे भरोसा कर ले हम
वो किसी तीसरे के मोहरे हैं.
वो किसी तीसरे के मोहरे हैं.
उम्र भर जिसका इंतज़ार किया
वो किसी और दिल में ठहरे हैं.
वो किसी और दिल में ठहरे हैं.
अब अवाम से किसको मतलब
रहनुमा सारे अंधे- बहरे हैं.
रहनुमा सारे अंधे- बहरे हैं.
हैं तिरंगे तुम्हारे हाथों में
तिरंगे मेरे दिल में फहरे हैं.
तिरंगे मेरे दिल में फहरे हैं.
इन नौजवान आँखों में देखो
इन मे सपने कई सुनहरे हैं.
नमन
इन मे सपने कई सुनहरे हैं.
नमन
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