Wednesday, 19 February 2014

राजीव गांधी की हत्या और हम


21मई 1991- देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 14अन्य लोगों की LTTE द्वारा बम ब्लास्ट करके हत्या-----
·        खुद राजीव गांधी सहित पूर्व प्रधानमंत्री वी पी सिंह और तत्कालीन प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सहित सभी बड़े नेता और आईबी और रॉ जैसी सभी संस्थाएं जानती थी की राजीव गांधी की हत्या हो सकती है।
·        पैलेस्तीन के तत्कालीन राष्ट्र प्रमुख यासर आराफ़ात ने भारत सरकार को सूचित किया था की कुछ लोग राजीव गांधी की हत्या की सुपारी लेकर घूम रहे हैं।
·        यासर आराफ़ात ने राजीव गांधी को दक्षिण भारत मे जादा खतरा है और उन्हे विशेष रूप से दक्षिण भारत मे जाने से रोका था।
·        खतरे के लगातार संकेतों के बावजूद वीपी सिंह और चंद्रशेखर ने उन्हे अतिरिक्त सुरक्षा देने के बजाय उनकी ज़ेड सुरक्षा को घटाया।
·        लोक सभा की श्रीपेरंबदूर चुनावी सभा मे राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री बने नरसिम्हाराव ने श्रीमती सोनिया गांधी की सूचना के बावजूद हत्या की जांच मे सुस्ती बरती।
·        उसके बाद देवेगौड़ा, गुजराल, अटलबिहारी बाजपेयी और अब मनमोहन सिंग के कार्यकाल मे बरती गयी ढिलाई ने हत्यारों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
·        सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय दिया और तमिलनाडू सरकार को मौका दे दिया की वे इन हत्यारों को छोड़ दें।
·        मैं मौत की सज़ा का पक्षधर नहीं हूँ पर इतना ज़रूर चाहता था की इन हत्यारों को तमाम उम्र जेल मे रहना चाहिए।
·        हम हर बात मे अमेरिका से अपनी तुलना करते हैं। आप सोचिए की अगर किसी अमेरिकी राष्ट्रपति की हत्या कोई विदेशी संगठन करता तो अमेरिका क्या करता?
·        क्या अमेरिका अपनी पूरी सैनिक ताकत झोंक कर उस संगठन को नेस्तनाबूत नहीं कर देता ?
·        हमने उस समय कोई सख्त कदम न उठा कर क्या अपने एक कमजोर राष्ट्र होने का संकेत नहीं दिया?
·        हमारा देश लगातार क्यों एक कमजोर राष्ट्र होने का संदेश दे रहा है?  
कमजोर, रीढ़विहीन नेताओं के इस कृत्य से हम सब देशवासी शर्मिंदा हैं
                                                     'नमन' 

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