मित्रों,
पिछले दिनों आदरणीय अन्ना हजारे के साथ पूरा देश खड़ा दिखाई पडा| हमें भी लगा क़ी हम स्वतंत्रता क़ी दूसरी लडाई लड़ रहे हैं | पर अब पिता-पुत्र शांति भूषण और प्रशांत भूषण क़ी पोल खुल गयी है | उनकी कुछ कारगुजारियां सार्वजनिक हो गयी हैं| मुलायम सिंह से ४ करोड़ में न्यायाधीशों को खरीदने क़ी उनकी बातचीत क़ी सी.डी. प्रकाश में आई है| इसमे सी.पी.एम्.
के कर्ता धर्ता प्रकाश करात का भी नाम लिया गया है| इससे पता चलता है क़ी हमाम में सब नंगे हैं |
जिन्हें मौका मिला है उन्होंने भ्रष्ट्राचार की बहती गंगा में डुबकी लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और जिन्हें मौका नहीं मिला है वे कहते फिर रहे हैं की गंगा मैली है सफाई की सख्त जरूरत
है| सच भी यही है की सार्वजनिक जीवन में भ्रष्ट्राचार इतना ज्यादा हो गया है की यदि तुरंत इसका इलाज नहीं किया गया तो यह बीमारी पूरे समाज को नष्ट कर देगी|
अब देखिये बीमारी का इलाज करने निकले दो डाक्टर पिता पुत्र खुद ही भ्रष्ट्राचार के इस कैंसर से ग्रस्त पाए गए हैं| अब हम बीमार से इलाज करवाएंगे तो अच्छे खासे मरीज में भी यह बीमारी फ़ैल सकती है| जरूरत है समाज के इन कैंसर ग्रस्त अंगो को काटकर फेंक देने की, ताकि इनका जहर पूरे शरीर में न फैले| अब तक का हमारा अनुभव ये है की एंटी करप्सन विभाग सबसे
ज्यादा भ्रष्ट है| भ्रष्ट्राचार का कैंसर न्यायालय तक पहुँच गया है| अदालतों में न्याय सरे आम ख़रीदा बेचा जा रहा है और वकील दलाली में लगे हैं| पुलिस महकमा , नेता, अधिकारी सभी इस बीमारी का शिकार हैं| समाचार माध्यम चाहे वो अखबार हों या टी.वी. समाचार , सभी में यह रोग
अपनी जड़ें जमा चुका है|
ऐसे में अन्ना हजारे जैसे लोग दीप स्तम्भ की तरह अकेले इस अँधेरे से लड़ने की ठाने हुए हैं|
पर इस दीपक तले भी भूषण पिता पुत्र जैसे उजाले के दुश्मन पल रहे हैं| इनसे लड़ने की तैयारी आज के युवा को करनी होगी| वरना आने वाला कल हमें कभी माफ़ नहीं करेगा|
अन्ना ने अब ठाना है
भ्रष्ट्राचार मिटाना है
संगी साथी दौड़े हैं
सीने सबके चौड़े हैं
अन्ना के आभूषण दो
शांति/ प्रशांत भूषण दो
पी आय एल के सेनानी
नए स्वतंत्रता सेनानी
न्याय की बोली लगाते हैं
करोड़ों में खाते हैं
ये भ्रष्ट्राचार मिटायेंगे
या भ्रष्ट्राचार बढ़ाएंगे
किया इन्होने नाक में दम
किस पर करें भरोसा हम|
देश अगर बचाना है
युवक को आगे आना है||
'नमन'
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